New Tax Regime Income Tax : नए वित्तीय वर्ष (वित्तीय वर्ष 2024-25) की शुरुआत के साथ, भारत के आयकर नियमों में कुछ महत्वपूर्ण परिवर्तन होने वाले हैं। ये बदलाव 1 अप्रैल, 2024 से लागू होगा और उनका मकसद है टैक्स प्लानिंग को सरल बनाना और करदाताओं को राहत देना।
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इसका मतलब ये है कि जब आप अपने इनकम टैक्स के लिए प्लान करेंगे तो कुछ नए नियमों पर ध्यान देना होगा। ये बदलाव आम लोगों के लिए फ़ायदेमंद होंगे क्योंकि उन्हें टैक्स के मामले में थोड़ा आराम मिल सकेगा। सरल शब्दों में, ये बदलाव टैक्स सिस्टम को समझने और फॉलो करने में मदद करेंगे।
1 अप्रैल 2024 से, सरकार नई टैक्स व्यवस्था को डिफॉल्ट सेटिंग के रूप में लागू करेगी। इसका अर्थ है कि अगर कोई करदाता पुराने कर ढांचे का चयन नहीं करता है, तो उसके कर को खुद-ब-खुद इस नए सिस्टम के अनुरूप लागू किया जाएगा।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमणजी ने अपने पिछले बजट (2022-23) के दौरान ये घोषना की थी कि जबकी नई कर व्यवस्था (New Tax Regime Income Tax) डिफ़ॉल्ट होगी, करदाता पुरानी प्रणाली का चयन भी कर सकते हैं। सीतारमणजी ने New Tax Regime Income Tax में छूट की सीमा 5 लाख रुपये से 7 लाख रुपये तक बढ़ाने की शुरुआत की। इसका मतलब यह है कि अगर कोई व्यक्ति नए कर व्यवस्था का चयन करता है, तो 7 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई भी कर नहीं देना होगा
अपडेटेड इनकम टैक्स दरें:
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार New Tax Regime Income Tax मे ये बदलाव किया गया है ताकि टैक्स सिस्टम को समझने और फॉलो करने में मदद मिल सके और टैक्सपेयर्स को थोड़ा आराम मिल सके।
चलिए इस New Tax Regime Income Tax के अपडेटेड इनकम टैक्स को डीटेल मे समझते है =
चलो, कल्पना करो कि तुम एक वेतनभोगी कर्मचारी (Salaried Employee) हो और तुम्हारा मासिक वेतन (Monthly Salary) ₹50,000 है। अब अगर हम इसे साल भर के लिए कैलकुलेट करें तो:
- मासिक वेतन: ₹50,000
- वार्षिक वेतन (कुल 12 महीने): ₹50,000 x 12 = ₹6,00,000
अब, अगर तुमने फैसला किया कि तुम नई कर व्यवस्था का पालन करोगे, तो ये नई कर दरें लागू होंगी:
- ₹3,00,000 तक: 0% टैक्स
- ₹3,00,001 से ₹6,00,000 तक: 5% टैक्स
तो, अगर हम तुम्हारा टैक्स कैलकुलेट करें:
- ₹3,00,000 तक की आय पर कोई टैक्स नहीं होगा (0% टैक्स)
- अगर वार्षिक आय ₹6,00,000 है और पहले ₹3,00,000 पर 0% टैक्स लागू होता है, तो बाकी ₹3,00,000 पर 5% टैक्स लागू होगा।
Calculation:
₹3,00,000 x 0% = ₹0 (कोई कर नहीं)
₹3,00,000 x 5% = ₹15,000
कुल देय कर: ₹0 + ₹15,000 = ₹15,000
तोह उदाहरण में , अगर तुम नई कर व्यवस्था को चुनते हो, और तुम्हारी सालाना आय ₹6,00,000 है, तो तुम्हें ₹15,000 कर देना होगा।
New Tax Regime Income Tax के लागू होने से कई फायदे हैं जो करदाताओं के लिए हैं:
सरलीकृत कर योजना (Simplified Tax Planning ):
पहला पॉइंट ये है कि अब तुम्हें अपनी टैक्स प्लानिंग के लिए यात्रा टिकट या किराए की रसीद का रिकॉर्ड बनाए रखना जरूरी नहीं पड़ेगा। मतलब, अब तुम्हें इतनी डिटेल में अपने खर्चों का रिकॉर्ड रखना जरूरी नहीं है। इसे टैक्स प्लानिंग करना अब सरल हो जाएगा।
- उदाहरण: मान लो, तुम ऑफिस के लिए मासिक एक यात्रा पास लेते हो। पहले तुम इसका रसीद रखते थे, लेकिन अब नई कर व्यवस्था में, इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी। इस तरह के खर्चों का रिकॉर्ड रखना अब आसान हो गया है।
छूट सीमा में वृद्धि (Rebate Limit Enhancement):
दूसरा पॉइंट ये है कि New Tax Regime Income Tax में छूट की सीमा बढ़ गई है। अब ₹7 लाख तक की आय के लिए लागू होने वाली छूट सीमा ₹25,000 है।
- उदाहरण: अगर किसी व्यक्ति की सलाना आय ₹6.5 लाख है, तो उसे पहले ₹12,500 की छूट मिलता था । लेकिन अब नई कर व्यवस्था में, उसको ₹25,000 की छूट मिलेगी।
अपरिवर्तित आयकर स्लैब (Unchanged Income Tax Slabs):
तीसरा पॉइंट ये है कि आयकर स्लैब में कोई भी बदलाव नहीं हुआ है। मतलब, जो स्लैब पहले लागू थे, वही अब भी लागू होंगे।
- उदाहरण: इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं हुआ है, इसका मतलब है कि पहले जितने रेट थे, वही अब भी हैं। जैसे अगर किसी का सलाना ₹10 लाख है, तो उसको पहले जैसा ही टैक्स भरना पड़ेगा।
मूल छूट सीमा में वृद्धि (Increased Basic Exemption Limit):
चौथा पॉइंट ये है कि मूल छूट सीमा ₹2.5 लाख से ₹3 लाख तक बढ़ गई है। इसका मतलब यह है कि अब ₹3 लाख तक की आय पर कोई भी टैक्स नहीं भरना पड़ेगा, जो पहले ₹2.5 लाख तक था।
- उदाहरण: अगर तुम्हारी सलाना आय ₹2.8 लाख है, तो पहले तुम्हें ₹30,000 पर टैक्स देना पड़ता था। लेकिन अब New Tax Regime Income Tax में, तुम्हें कोई भी टैक्स नहीं भरना पड़ेगा क्योंकि ₹3 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं है।
सरचार्ज दर में कमी (Surcharge Rate Reduction):
आखरी पॉइंट ये है कि ₹5 करोड़ से अधिक आय वाले व्यक्तियों के लिए सरचार्ज रेट को 37% से 25% तक कम किया गया है। लेकिन ये सरचार्ज दर केवल उन लोगों के लिए लागू होगी जो New Tax Regime Income Tax को चुनते हैं।
- उदाहरण: अगर किसी व्यक्ति की आय ₹6 करोड़ है, तो पहले उसे 37% अधिभार दर पर टैक्स देना पड़ता था। लेकिन अब नई कर व्यवस्था में, उसको सिर्फ 25% सरचार्ज दर पर कर देना होगा।
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New Tax Regime Income Tax FAQ’s:
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टैक्स स्लैब क्या होता है ?
Tax slabs (टैक्स स्लैब) एक तरह से आय सीमा होती है जिसमें अलग-अलग टैक्स दरें लागू होती हैं। हर देश अपने-अपने टैक्स स्लैब को परिभाषित करता है, जिसमे आय अलग-अलग स्तरों के लिए अलग-अलग टैक्स दरें होती हैं। टैक्स स्लैब का मुख्य उद्देश्य होता है कि कम आमाधार (Basis) वाले लोगों को कम टैक्स देना होता है और ज्यादा आमाधार वाले लोगों को ज्यादा टैक्स देना होता है।
जैसे की भारत में, इनकम टैक्स स्लैब के रूप में कुछ ऐसी श्रेणियां हैं जिनमें अलग-अलग टैक्स दरें लागू होती हैं, जैसे 0%, 5%, 10%, 20% और 30% के अंतर्गत । हर किसी की आय के अनुसार उनकी आय को स्लैब के अनुसार डिवाइड किया जाता है और उन पर लगने वाले टैक्स दरों के अनुरूप उनका टैक्स कैलकुलेट किया जाता है। इसके अलावा, कुछ देशों में और भी जटिल टैक्स स्लैब सिस्टम होते हैं जैसे प्रोग्रेसिव टैक्स सिस्टम, फ्लैट टैक्स सिस्टम, या रिग्रेसिव टैक्स सिस्टम।
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सरचार्ज क्या होता है ?
Surcharge (अधिभार) एक अतिरिक्त कर होता है जो कुछ विशिष्ट स्थितियों में लागू होता है। ये अधिक कर राशि है जो उन लोगों पर लागू होती है जिनकी कर योग्य आय एक निश्चित सीमा से अधिक होती है। जब सरकार को अधिक रेविन्यू की आवश्यकता होती है या किसी विशेष स्थिति के दौर में, जैसे कि आपात स्थिति या विशिष्ट आर्थिक परिस्थितियों में, तब वह अधिभार (Surcharge ) लागू करती है। ये आम तौर पर उच्च आय अर्जित करने वाले या उच्च निवल मूल्य वाले व्यक्तियों पर लागू किया जाता है। सरचार्ज का मुख्य उद्देश्य अतिरिक्त कर रेविन्यू उत्पन्न करना और सरकार को अतिरिक्त धनराशि प्रदान करना है।
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Surcharge Rate Reduction का मतलब क्या होता है ?
सरचार्ज रेट में रीडक्शन का मतलब यह है कि सरकार ने जो अतिरिक्त टैक्स लगाने का रेट पहले रखा था वह कम कर दिया है। इससे उच्च आय वाले या विशिष्ट श्रेणियों के व्यक्तियों पर अतिरिक्त कर राशि कम हो जाती है, जो उनके कर के बोझ को थोड़ा कम करता है।
कुल मिलाकर, सरचार्ज एक प्रकार का अतिरिक्त कर है जो विशिष्ट स्थितियों या श्रेणियों के व्यक्तियों पर लगता है और इसकी दर और कार्यान्वयन (implementation) सरकार की कर नीतियों के अनुसार अलग-अलग होता है।
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New Tax Regime Income Tax kya hai?
New Tax Regime Income Tax , 1 अप्रैल 2024 से भारत में लागू होने वाला एक नई आयकर प्रणाली है जिसमें कुछ नए नियम हैं।
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Kya har Kisi ko Naye Tax Regime ko follow karna hoga?
हां, 1 अप्रैल 2024 से, सरकार ने नई टैक्स व्यवस्था को डिफॉल्ट सेटिंग के रूप में लागू किया है। इसका मतलब यह है कि अगर कोई करदाता पुराने कर ढांचे को नहीं चुनना चाहता है, तो उसके कर नए कर व्यवस्था के हिसाब से स्वचालित रूप से लागू हो जाएंगे।
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Naye Tax Regime mein kya fayde hain?
नई कर व्यवस्था के कई फायदे हैं जैसे सरलीकृत कर नियोजन, मूल छूट सीमा में वृद्धि, अधिभार दर में कमी, और छूट सीमा में वृद्धि।
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Basic Exemption Limit kya hai?
बुनियादी छूट सीमा एक आयकर अवधारणा है जिसकी एक निश्चित सीमा तक की आय पर कोई कर नहीं लगता। नई कर व्यवस्था में मूल छूट सीमा ₹2.5 लाख से ₹3 लाख तक बढ़ गई है।
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टैक्स क्या होता है ?
टैक्स एक अनिवार्य (Compulsory) पैसा है जो हमें सरकार को देना होता है। सरकार इस पैसे को सड़कें, स्कूल, अस्पताल और बहुत कुछ चलाने के लिए इस्तेमाल करती है। जैसे हमें अपनी आय से कुछ हिस्सा टैक्स के रूप में देना होता है, वैसे ही अलग-अलग चीजों पर भी टैक्स लगता है। जैसे प्रॉपर्टी पर, माल खरीदने पर, और बिजनेस चलाने पर भी टैक्स लग सकता है। इससे सरकार को पैसा मिलता है जो हमारी सुविधाओं और सेवाओं में सुधार करने उपयोग करती है।
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